Farmers Protest: अधूरे वादों की मांग को लेकर चल रहे ‘दिल्ली चलो’ मार्च के बीच केंद्र सरकार ने रविवार रात किसान संघों के नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की. चंडीगढ़ में बैठक के दौरान सरकार ने किसान नेताओं के सामने पांच साल की योजना समेत कुछ विचार रखे.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि इसके बाद, किसानों ने मार्च पर रोक लगा दी है.
रविवार रात किसान नेता और केंद्र सरकार के बीच तकरीबन चार घंटे तक बैठक चली. इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चर्चा के दौरान एक “अभिनव” और “आउट-ऑफ-द-बॉक्स” विचार सामने आया और किसान नेता फैसला करेंगे.
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच यह चौथी बैठक थी. वे इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को मिले थे लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी.
केंद्र ने सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दालें, मक्का और कपास की फसल खरीदने के लिए पांच साल की योजना का प्रस्ताव दिया है.
पीयूष गोयल के अनुसार, एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और एनएएफईडी (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर’ उगाते हैं. अगले पांच वर्षों के लिए दाल या मक्का की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि (खरीदी गई) मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा. पीयूष गोयल ने कहा, “यह पंजाब की खेती को बचाएगा, भूजल स्तर में सुधार करेगा और भूमि को बंजर होने से बचाएगा जो पहले से ही तनाव में है.”
केंद्र ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि भारतीय कपास निगम (CCI) एक कानूनी समझौते के जरिए पांच साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगा.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले किसानों और मजदूरों ने सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून, किसानों और मजदूरों की पूर्ण ऋण माफी के लिए 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुरू किया है.