UP News : उत्तर प्रदेश सरकार अब पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने जा रही है। इस नए कानून में पेपर लीक और सॉल्वार गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई का प्रावधान होगा। पेपर लीक करने वालों पर भारी जु्र्माना से लेकर बुलडोजर कार्यवाई और यहां तक कि जेल का भी जाना पड़ेगा।
राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक, चार एजेंसियां होंगी जिन्हें भर्ती परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, उम्मीदवारों को परीक्षा देने के लिए अपने होम बोर्ड (गृह मंडल) के बाहर जाना होगा। हालाँकि, यह प्रतिबंध विकलांग लोगों और महिलाओं पर लागू नहीं होगा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि अगर किसी परीक्षा में चार लाख से अधिक अभ्यर्थी होंगे तो परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। रिजल्ट में धांधली रोकने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग होगी। परीक्षा केंद्रों की स्थापना को लेकर भी निर्णय लिया गया है। परीक्षा केंद्र बनाने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं।
पहली श्रेणी में राजकीय इंटर कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में सहायता प्राप्त विद्यालयों को रखा गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि वित्तविहीन विद्यालयों व महाविद्यालयों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाये जायेंगे।
गौरतलब है कि 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षित नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा रद्द कर दी थी।
उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 17 और 18 फरवरी को 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार ने 17 और 18 फरवरी को राज्य भर में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को कथित तौर पर पेपर लीक होने के बाद रद्द करने का फैसला किया है।
पेपर लीक के कारण उत्तर प्रदेश सरकार को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को बर्खास्त करना पड़ा। राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड अध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।