Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को बिगड़ते हालात को देखते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश भी छोड़ दिया. देर शाम को शेख हसीना हिंदुस्तान पहुंच गईं. जब वह भागने की तैयारियों में व्यस्त थीं, उसी समय उनके आवास पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया.
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास से सामान उठाकर अपने घरों को ले गए. इसके साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश के संस्थापक कहे जाने वाले शेख मुजीब की प्रतिमा के साथ भी तोड़फोड़ की. इस घटना से देश में तनाव और बढ़ गया है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास जारी हैं.
जानें एक शब्द के बारें में जिसके पलटी पूरी कहानी
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जुलाई में छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग के साथ शुरू हुए. 14 जुलाई को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक भड़काऊ भाषण में प्रदर्शनकारियों को ‘रज़ाकार’ कहा था. इस शब्द को बांग्लादेश में देशद्रोह के बराबर माना जाता है और यह उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्होंने 1971 में पाकिस्तानी फौज का सहयोग किया था.
शेख मुजीब ने 50 साल पहले एक पार्टी की सरकार बनाई थी, और अब उनकी बेटी शेख हसीना ने वही गलती दोहराई. इस ‘एक शब्द’ ने देश में भारी उथल-पुथल मचा दी और अंततः शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा.