उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के भुड़िया गांव के 24 वर्षीय एक व्यक्ति को आत्महत्या के करने के प्रयास से बचा लिया गया है. इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो के माध्यम से अपनी आत्महत्या के प्रयास की सूचना देने वाले व्यक्ति को बचाया जा सका, यह घटना टेक्नोलॉजी की सकारात्मक भूमिका को उजागर करती है।
मेटा द्वारा दिए गए अलर्ट ने न केवल पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने का मौका दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि सोशल मीडिया कंपनियां ऐसे मामलों में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं. पुलिस ने 12 मिनट के भीतर व्यक्ति तक पहुंचकर उसे सही समय पर मेडिकल सहायता दी, जो उसके जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुई.
यह घटना एक ओर महत्वपूर्ण मुद्दा भी उजागर करती है, यानी मानसिक स्वास्थ्य और युवाओं के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामलों की चिंता. आत्महत्या का प्रयास करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के साथ विवाद के कारण परेशान था, जो दिखाता है कि पारिवारिक संघर्षों और मानसिक तनाव का प्रभाव किसी के जीवन पर कितना गहरा हो सकता है.
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समुदाय और परिवार के समर्थन की महत्ता को समझने की जरूरत है. इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए और भी प्रभावी उपाय करें, ताकि ऐसे मामलों में तुरंत मदद उपलब्ध हो सके.
पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बताया, “मोहन (बदला हुआ नाम) ने गुरुवार देर रात इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ‘हे भगवान, मुझे अपने साथ ले चलो. मैं कब मरूंगा!’ उसने अपने हाथ में नींद की छह गोलियाँ पकड़ी और वीडियो के दौरान उन्हें खा लिया.” पुलिस का मानना है कि व्यक्ति ने अपने माता-पिता के साथ विवाद के कारण आत्महत्या का प्रयास किया.