Supreme court on Ramdev : पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई हो रही है. इस दौरान बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच यह सुनवाई कर रही है. इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया था.
बता दें कि मंगलवार को रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया और मामले के संबंध में बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वे कानून और न्याय की महिमा को बनाए रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में, रामदेव ने कहा, “मैं बयान के उपरोक्त उल्लंघन के लिए क्षमा चाहता हूं. मैं हमेशा कानून की महिमा और न्याय की महिमा को बनाए रखने का वचन देता हूं.”
रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उन्हें इस चूक पर गहरा अफसोस है और वह आश्वस्त करना चाहते हैं कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी. उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कथन का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा और इस तरह के कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे. रामदेव ने पिछले साल 22 नवंबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बिना शर्त और अयोग्य माफ़ी भी मांगी.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का वचन देते हैं कि भविष्य में इस तरह के अपमानजनक विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे और वह आगे और अधिक सतर्क रहेंगे.
इससे पहले, रामदेव और आचार्य बालकृष्णन ने पतंजलि के औषधीय उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी थी. हालाँकि, अदालत ने उन दोनों द्वारा मांगी गई माफ़ी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को दिए गए वचनों का उल्लंघन किया है इसलिए वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं.
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