Bajrang Punia: भारत के टॉप रेसलर बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. ये सब इसलिए किया कि पूर्व भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के सहयोगी को महासंघ का अध्यक्ष चुन लिया गया है. वहीं एक दिन पहले साक्षी मलीक ने संन्यास लेने का ऐलान किया था. वहीं अब पहलवान पूनिया ने अपना पद्मश्री को फुटपाथ पर रख दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा वह इस नहीं लेंगे.
बजरंग पूनिया ने संवाददाताओं से कहा, “जैसा कि मैंने पहले कहा है कि हम अपनी बेटियों और बहनों के लिए लड़ रहे थे. मैं उन्हें न्याय नहीं दिला सका. इसके कारण, मुझे लगता है कि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं. मैं यहां अपना पुरस्कार लौटाने आया था, हालांकि, मैं नहीं मिल सका पीएम के साथ क्योंकि मेरे पास अपॉइंटमेंट नहीं था. पीएम कार्यक्रम व्यस्त है. इसलिए मैं अपना पुरस्कार पीएम को लिखे पत्र पर रख रहा हूं. मैं यह पदक अपने घर नहीं ले जाऊंगा.”
पुलिस कर्मियों ने पत्र और पद्मश्री पदक दोनों उठा लिए है.पूनिया ने निराशा व्यक्त की और आरोप लगाया कि सरकार विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों से किए गए अपने वादे को निभाने में विफल रही.
बजरंग पूनिया ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह डब्ल्यूएफआई चुनाव के नतीजों पर विरोध स्वरूप अपना पद्मश्री लौटा रहे हैं, जहां डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, “मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं. मुझे बस इस पत्र में कहना है. यह मेरा स्टेटमेंट है.”
बता दें कि बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे.