Lok Sabha Election : भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह और कैसरगंज से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
बता दें कि बृज भूषण के छोटे बेटे करण भूषण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. वह गोंडा जिले के नवाबगंज में सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी हैं.
बृजभूषण सिंह को क्यों नहीं बनाया गया उम्मीदवार?
कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान में भाजपा के बृजभूषण सिंह के पास है. वह इस सीट से तीन बार सांसद हैं. हालांकि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया है. बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद यह सीट बीजेपी के लिए सोच का विषय बन गई थी.
इसके बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट सहित कई एथलीटों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. दिल्ली पुलिस ने पिछले साल जून में पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ मामले के संबंध में आरोप पत्र दायर किया था. बृजभूषण ने 2019 के चुनाव में बीएसपी के चंद्रदेव राम यादव को 2.5 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.
रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह बनाया उम्मीदवार
दिनेश प्रताप सिंह ने 2019 में सोनिया गांधी के खिलाफ उसी सीट से चुनाव भी लड़ा था और बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है. रायबरेली सीट गांधी परिवार का गढ़ रही है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2019 में सीट बरकरार रखी. हालांकि, वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उन्हें राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामित किया गया है.
इस बीच, कांग्रेस के दो गढ़ों-अमेठी और रायबरेली पर सस्पेंस जारी है क्योंकि कांग्रेस ने दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा जल्द ही करने वाली है. बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 2019 में राहुल गांधी को अमेठी से हराकर इस सीट से कांग्रेस का दबदबा खत्म कर दिया था.
बीजेपी ने यूपी की ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी, लेकिन कैसरगंज सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार था. कैसरगंज और रायबरेली दोनों सीटों पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है.