PM Modi ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में रैली की. उन्होंने संबोधित करते हुए कहा, “वह समय दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होंगे. जम्मू-कश्मीर को अपना राज्य का दर्जा वापस मिलेगा. आप अपने सपनों को अपने विधायकों, अपने मंत्रियों के साथ साझा कर सकेंगे.” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अब तक जो कुछ भी किया है वह केवल उस काम का ट्रेलर है जो उन्हें इस क्षेत्र में करना बाकी है. उन्होंने बताया कि अब दशकों बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और सीमा पार से गोलीबारी के डर के बिना चुनाव हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास भी हो रहा है और विश्वास भी बढ़ रहा है.”
जम्मू और कश्मीर राज्य को अक्टूबर 2019 में एक केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठित किया गया था. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 2019 में पारित किया गया था और भारत के संविधान के अनुच्छेद 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता था, को निरस्त कर दिया गया था. केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
प्रधानमंत्री ने कहा, आगामी आम चुनाव “सिर्फ एक संसद सदस्य को चुनने के लिए नहीं है, बल्कि देश में एक मजबूत सरकार बनाने के लिए है. जब सरकार मजबूत होती है, तो वह चुनौतियों को चुनौती देकर पूरा करती है…” जम्मू-कश्मीर में विकास के ताजातरीन गवाह को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “अब यहां स्कूल जलाए नहीं जाते, बल्कि स्कूलों को सजाया जाता है. अब यहां एम्स, आईआईटी और आईआईएम बनाए जा रहे हैं. अब यहां आधुनिक सुरंगें, आधुनिक चौड़ी सड़कें और अद्भुत रेल यात्राएं हैं.”
उन्होंने कहा, “10 वर्षों में हमने आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस दी है. अब आने वाले पांच वर्षों में इस क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है. 10 वर्षों के भीतर, जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से बदल गया है. सड़कें, बिजली , पानी, यात्रा, प्रवास, ये सब हैं लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जम्मू-कश्मीर का मन बदल गया है.”
पीएम ने कहा, ”मुझ पर भरोसा रखिए, मैंने कहा था कि आप मुझ पर भरोसा कीजिए, मैं जम्मू-कश्मीर की पिछले 60 साल से चली आ रही समस्याओं का समाधान कर दूंगा. मैंने यहां की माताओं-बहनों को सम्मान की गारंटी दी थी. मैंने गारंटी दी थी कि गरीबों को सम्मान मिलेगा.” आज जम्मू-कश्मीर के लाखों परिवारों को दो वक्त के भोजन की चिंता नहीं है, अगले 5 साल तक मुफ्त राशन की गारंटी है.”
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को उधमपुर से मैदान में उतारा है जो 2014 से इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सिंह ने 2014 में उधमपुर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को हराया था. कांग्रेस ने उधमपुर से चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारा है. कठुआ बलात्कार के आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में भाग लेने के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर होने के छह साल बाद कांग्रेस ने लाल सिंह को अपने पाले में ले लिया, जिसमें एक बच्चे के साथ बलात्कार किया गया था. इंडिया ब्लॉक में भागीदार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने लाल सिंह को अपना समर्थन दिया है. उधमपुर में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की छह में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. बाकी तीन सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीतीं