Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने में अब एक महीने का समय बाकी है. इस समय राज्य में सभी राजनीतिक पार्टियाँ चुनावी प्रचार और प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं और सत्ता हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं. कांग्रेस जहां सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा अपनी सरकार बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस बीच, हरियाणा के नूंह जिले (मेवात) में राजनीति मुस्लिम समुदाय के इर्द-गिर्द घूम रही है. इस पर चर्चा हो रही है कि मुस्लिम समुदाय की पसंद कौन सी पार्टी होगी, जो विधानसभा चुनाव में सत्ता पर काबिज हो सकती है. आइए, इस खबर में राज्य में चुनाव के दौरान मुस्लिम समुदाय के रुझानों को विस्तार से जानें…
हरियाणा में मुस्लिम आबादी को लेकर समझें पूरा गणित
2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा में मुस्लिम आबादी लगभग 7.2 प्रतिशत है, जबकि हिंदुओं की आबादी 87.46 प्रतिशत है. राज्य की कुल 2.54 करोड़ की आबादी में मुस्लिम समाज की संख्या 17 लाख 81 हजार है। राज्य के 21 जिलों में से केवल नूंह (मेवात) जिले में मुस्लिमों का दबदबा है, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 70 प्रतिशत है. इसलिए, नूंह जिले की तीन सीटों पर लंबे समय से मुस्लिम विधायक ही चुने जाते रहे हैं.
हरियाणा के मुस्लिम मतदाता पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं, लेकिन ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो की भी यहाँ अपनी पकड़ रही है. मुस्लिम वोटों में सेंधमारी के लिए भाजपा ने प्रयास किए, लेकिन उन्हें सफलताएँ नहीं मिलीं. 2024 के लोकसभा चुनाव में, मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस को एकमुश्त वोट दिया था. सीएसडीएस के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के 92 प्रतिशत मुस्लिमों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था, जबकि केवल 5 प्रतिशत ने भाजपा को वोट किया था.
मुस्लिमों की पसंद कौन?
हरियाणा के मेवात क्षेत्र को कभी इनेलो का गढ़ माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में कांग्रेस ने यहां अपनी पकड़ मजबूत की है. वर्तमान में नूंह जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. हालांकि, कई रिपोर्टों के अनुसार, यहां के मतदाता किसी एक दल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध नहीं रहे हैं. इनेलो, कांग्रेस और निर्दलीयों को भी मौका दिया गया है. इस प्रकार, जेजेपी और इनेलो भी इस क्षेत्र में अपनी खास उम्मीदें लगाए हुए हैं.
मेवात में कांग्रेस के तीन प्रमुख विधायक हैं:
नूंह से आफताब अहमद
पुन्हाना से मोहम्मद इलियास
फिरोजपुर झिरका से मोमन खान
वहीं, भाजपा की ओर से जाकिर हुसैन मैदान में हैं. इस स्थिति में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार मुस्लिम समुदाय की प्राथमिक पसंद कौन होगी और कौन सा दल सत्ता में आएगा.