Telangana with KCR : हैदराबाद, बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में मंगलवार को तेलंगाना भवन में पार्टी विधायकों, पूर्व मंत्रियों, जन प्रतिनिधियों और कृष्णा बेसिन के पार्टी नेताओं के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस दौरान केसीआर ने तेलंगाना के किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए, कृष्णा परियोजनाओं को केआरएमबी को सौंपना, राज्य सरकार की ओर से अपनाए जा रहे तेलंगाना विरोधी रुख की निंदा करना, केंद्र से तेलंगाना के सिंचाई जल अधिकारों की रक्षा करने की घोषणा की. इसके साथ ही बीआरएस प्रमुख केसीआर ने घोषणा की है कि इस महीने की 13 तारीख को नलगोंडा में एक विशाल सार्वजनिक बैठक आयोजित की जाएगी. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि वह कृष्णा नदी के जल पर तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक लड़ेंगे.
हर हाल में तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा करेंगे- केसीआर
केसीआर ने ये भी साफ किया कि नाडु आंदोलन का नेतृत्व करने और तेलंगाना को सुरक्षित करने और तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा करने की भावना में, आज एक और सार्वजनिक आंदोलन बनाने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बीआरएस कार्यकर्ताओं की है कि अधिकारों में गड़बड़ी न हो.
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि राज्य सरकार का गलत रवैया कृष्णा बेसिन में दक्षिण तेलंगाना के किसानों के सिंचाई जल अधिकारों पर कुठाराघात बन गया है. बीआरएस के प्रमुख ने घोषणा की कि सागर श्रीशैलम से लेकर केआरएमबी तक कृष्णा नदी पर परियोजनाएं अप्पाजेप्पी केंद्र को सौंप दी गई हैं. बैठक के दौरान राज्य सरकार की ओर से कृष्णा नदी पर परियोजनाओं को केआरएमबी को सौंपने के परिणामों और राज्य के किसानों को होने वाले नुकसान पर चर्चा की. नदी जल पर राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए कृष्णा परियोजना, राज्य सरकार के किसान विरोधी रवैये पर अगली कार्रवाई पर चर्चा पर मुखिया ने इस संबंध में निर्देश दिए.
“मा नीलू मेक” नारे को भी साकार किया- केसीआर
इस मौके पर केसीआर ने साफ किया कि बीआरएस पार्टी सरकार ने न केवल तेलंगाना आंदोलन में तेलंगाना सिंचाई और पेयजल अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है, बल्कि स्व-शासन के शुरुआती दिनों में जनता के नारे “मा नीलू मेक” को भी साकार किया है.
उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने केंद्र के दबावों का विरोध करते हुए और समय-समय पर केंद्र के दबावों का विरोध करते हुए कड़ी मेहनत की है और केआरएमबी के नाम पर कृष्णा नदी परियोजनाओं पर तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा की है लेकिन कांग्रेस सरकार की समझ के बिना लिए गए फैसले से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि भविष्य में ये परियोजनाएं पूरी नहीं हो पाएंगी, जन सहयोग से इसे उलट दिया जाएगा. परिणामस्वरूप, हैदराबाद के रंगारेड्डी, नलगोंडा, खम्मम और महबूब नगर संयुक्त जिलों के लोगों को पीने का पानी नहीं मिलने से सूखे में फंसने का खतरा है.
केसीआर की अध्यक्षता में बीआरएस पार्टी की एक उच्च स्तरीय बैठक में कांग्रेस सरकार के खतरनाक और मूर्खतापूर्ण रवैये को उलटने और कृष्णा जल पर सौ प्रतिशत परियोजनाओं पर तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का फैसला किया गया.
इस बैठक में बीआरएस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर, पूर्व मंत्री हरीश राव, जी. समिति के जिला अध्यक्षों के साथ-साथ अन्य लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.