Speaker Election 2024: साल 2024 के आम चुनाव के बाद अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो गया है. सत्र की शुरुआत में नए सांसदों को शपथ दिलाई गई और इसके बाद सबसे अहम लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति होगी. आइए इस बीच जानते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है यह महत्वपूर्ण क्यों है? साल 2019 में हुए आम चुनाव में ओम बिरला 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष थे लेकिन पिछली लोकसभा अध्यक्ष का कार्यकाल नई लोकसभा के पहले सत्र तक ही होता है.
18वीं लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव किया जाता है. यह प्रभारी अध्यक्ष सांसदों को पद की शपश दिलाता है और पूर्वकालिक अध्यक्ष नियुक्त होने तक सदन के कामकाज का संचालन करना है सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है.
क्यों अहम लोकसभा अध्यक्ष का पद?
स्पीकर लोकसभा के कामकाज को सुचारू रुप से चलाने के लिए जिम्मेदार होता है. स्पीकर विभिन्न समितियों का गठन करते हैं और इन समितियों का कार्य उनके निर्देशानुसार होता है. वह संसदीय बैठकों का एजेंडा भी तय करते हैं और सदन में विवाद होने पर नियमानुसार कार्रवाई करते हैं.
वे किसी प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लेते लेकिन अगर प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष के बराबर वोट हो तो वे निर्णायक मत डाल सकते हैं. अगर कोई सदस्य सदन में दुर्व्यवहार करता है तो लोकसभा उसे निलंबित कर सकते हैं.
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