Bihar Politics: जनता दल-यूनाइटेड प्रमुख नीतीश कुमार ने “महागठबंधन” से नाता तोड़ने के बाद रविवार को राजभवन में नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है. इसके साथ ही सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आगमन पर लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और नारे लगाते हुए सुने गए.
कई दिनों की अटकलों के बाद, जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. जो 18 महीने से भी कम समय में उनका दूसरा पलटवार था. राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर नीतीश अब भाजपा के समर्थन से सरकार बनाएंगे, जिसका शपथ ग्रहण कुछ ही देर में होने वाला है. नीतीश कुमार ने पद छोड़ने के कारण के रूप में महागठबंधन गठबंधन के तहत मामलों की स्थिति “ठीक नहीं” होने का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित हर जगह से सुझाव मिल रहे हैं और उन्होंने इस निर्णय पर पहुंचने के लिए उन सभी की बात सुनी.
नीतीश कुमार ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मैंने आज सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और राज्यपाल से इस सरकार को खत्म करने के लिए कहा है. पार्टी के नेता मुझे सलाह दे रहे थे. मैंने सुना कि उन्होंने क्या कहा और मैंने इस्तीफा दे दिया है. स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए, हमने संबंध तोड़ दिए हैं.”
राज्य की राजनीति में उथल-पुथल के बावजूद, नीतीश, चाहे वह महागठबंधन के साथ हों या भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ, सीएम की कुर्सी बरकरार रखने में कामयाब रहे और यह सुनिश्चित किया कि उनकी पार्टी उनके बार-बार पलटने के कारण विभाजित न हो. बता दें कि 243 की बिहार विधानसभा सीटों में 79 विधायक राजद के हैं. इसके बाद भाजपा के 78 JDU के हैं. 45 कांग्रेस की 19, सीपीआई (एम-एल) की 12, सीपीआई (एम) और सीपीआई की दो-दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की चार सीटें, और एआईएमआईएम की एक सीट, साथ ही एक निर्दलीय विधायक है.