Kaal Bhairav Jayanti 2023: हिंदू धर्म के अनुसार काल भैरव भगवान और हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है. क्योंकि दोनों ही भक्तों के संकट का निवारण करते हैं.इसी के साथ हनुमान जी और काल भैरव भक्तों की बुराई और भय से भी मुक्ति दिलाते हैं. ऐसे में बहुत से भक्तों के मन में सवाल आता होगा कि क्या काल भैरव और भगवान हनुमान जी की पूजा एक साथ कर सकते हैं? तो इस लेख से हम आपको बताएंगे कि क्या आप इन दोनों भगवान की पूजा एक साथ कर सकते हैं.
हनुमान जी और काल भैरव भगवान की पूजा एक साथ की जा सकती है. क्योंकि दोनों ही भगवान भक्तों को भय से मुक्ति दिलाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि काल भैरव भगवान और हनुमान जी की पूजा एक साथ करने से आपको विशेष फल मिलता है. तो आइए जानते हैं काल भैरव भगवान के साथ हनुमान जी की पूजा कैसे करें, क्या है इसका महत्व ?
कैसे करें काल भैरव भगवान की पूजा?
कहा जाता है कि यदि काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त करनी है तो उनकी जयंती के दिन पूरी मन के साथ उनकी भक्ति करें. मंदिर जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल अर्पित करें और मूर्ति के सामने बैठकर काल भैरव मंत्र का जाप करें. काल भैरव की पूजा तो हमेशा ही फलदायी होती है, लेकिन कहा जाता है उनकी जयंती पर पूजा करने पर वो भक्तों पर जल्द प्रसन्न होते हैं और उनके भय और संकट का निवारण करते हैं.
कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक हनुमान जी को सिंदूर बहुत ही प्रिय है. इसलिए भगवान हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें सिंदूर जरूर लगाएं. हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा सीता माता को लंका से मुक्त कराने के बाद प्रारंभ हुई थी जो आज भी लगातार जारी है. इसलिए कहा जाता है हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से वो बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.
काल भैरव भगवान और हनुमान जी को भगवान शिव के अवतार के रूप में माना जाता है. हनुमान जी लंका में कई दुष्ट असुरों का वध किये थे. तो वही शिव भगवान काल भैरव भी दुष्टों का खत्मा किये थे.