योगा ऑफ इम्मोर्टल्स के संस्थापक और शिवयोग परंपरा के आचार्य डॉ.अवधूत शिवानंद जी ने कहा है कि सनातन धर्म संपूर्ण जगत के कल्याण का स्रोत है। उन्होंने कहा कि सही मायने में सनातन के जरिए ही दुनिया भर में मानवता की रक्षा हो सकती है, क्योंकि ये जीवन ऊर्जा और जीवन पद्धति का आधार है। शहर के सेक्टर-64 स्थित ओराना कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय शिवयोग आर्ट ऑफ सेल्फ रियलाइजेशन शिविर में उन्होंने ये बाते कहीं। शिविर में देश और दुनिया भर से पहुंचे हजारों शिवयोग साधकों ने तीन दिनों तक ध्यान, साधना और संकीतर्ण के जरिए अपने शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य की तंदुरुस्ती का अभ्यास किया। आपको बता दें कि आचार्य ईशान शिवानंद जी योग आधारित गैर औषधीय उपचार के विशेषज्ञ भी माने जाते हैं। उनके सानिध्य में आयोजित इस शिविर में 3 हजार से ज्यादा लोगों ने स्वस्थ, सुन्दर और सफल जीवन के सहज सूत्र को जाना और सीखा।
इस शिविर में शिवयोगी साधकों को तीन दिनों तक आंतरिक आनंद की अनुभूति हुई। आचार्य ईशान शिवानंद जी ने साधकों को अपनी जीवन शैली बदलने और चेतना को ऊपर उठाने की लिए जागृत एवं प्रेरित किया। साधकों की आंतरिक शांति को बढ़ाने के लिए उन्होंने साधना और संकीर्तन के आसान तरीके भी बताए। उन्होंने ध्यान, साधना और ‘नमः शिवाय’ जैसे पवित्र मंत्रों की शक्ति पर चर्चा की और साधकों को अपनी आकांक्षाओं की प्रकृति पर गहराई से चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आचार्य ईशान शिवानंद जी ने शिविर में सनातन धर्म की शिक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की और सनातन को दुनिया सर्वश्रेष्ठ जीवन पद्धति बताया। साथ ही जीवन में सादगी और दिव्यता को अपनाने के लिए सांसारिक उपलब्धियों पर अहंकार नहीं करने की आवश्यकता पर जोर दिया। शिविर के आखिरी दिन आचार्य ईशान शिवानंद जी ने मां शक्ति के दिव्य सार को समझाया। उन्होंने मां की शक्ति को खुशी, सफलता और चुनौतियों से लड़ने के लिए आंतरिक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवान बुद्ध और भगवान राम की जीवन यात्रा के माध्यम से साधकों को प्रतिकूलताओं में भी सफलता का सहज सूत्र दिया। उन्होंने साधकों को बताया कि किस तरह आंतरिक शक्ति और आत्म-साक्षात्कार के जरिए जीवन में सभी अस्थिरता एवं असफलता से मुक्ति संभव है। इस तीन दिवसीय शिविर में दुनिया भर से आए शिवयोग साधकों ने जीवन बदलने वाले दिव्य अनुभवों के लिए आचार्य ईशान शिवानंद जी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। साधकों ने बताया कि वो आचार्य ईशान जी के सानिध्य में साधना कर आध्यात्मिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से तृप्त महसूस करते हैं। कुल मिलाकर आर्ट ऑफ सेल्फ रियलाइजेशन का ये शिविर एक ऐसा आध्यात्मिक आयोजन था जिसने प्रत्येक प्रतिभागी की आत्मा की गहराई को छुआ।
शिविर में ध्यान, योग, मंत्रोच्चारण और संकीर्तन के दिव्य ऊर्जा तरंगों के बीच साधकों ने यहां आंतरिक खुशी, उमंग और सकारात्मक उम्मीद का अहसास किया। आचार्य ईशान शिवानंद जी ने कहा कि आदर्श स्वास्थ्य मॉडल उसे कहा जाता है, जो समग्र और पूर्ण होने के साथ ही शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के बीच समन्वय बनाता है। उन्होंने कहा कि बीमारी का कारण आंतरिक है तो उसका निदान भी आंतरिक ही होना चाहिए।
आचार्य ईशान शिवानंद जी ने कहा कि शिवयोग का लक्ष्य हर घर में आध्यात्मिकता, शांति, सुंदर स्वास्थ्य, सफलता और खुशी की ज्वाला को प्रज्वलित करना है। ईशान शिवानंदजी योग आधारित गैर औषधीय उपचार प्रणाली और योगा ऑफ इमोर्टल्स के माध्यम से दुनिया भर में मानसिक रोगों के निवारण और प्रबंधन के लिए काम कर रहे हैं। वो दुनिया की शीर्ष मल्टीनेशनल कम्पनियों, सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों और यूनिर्वसिटीज में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुंदर बनाने का प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। उनके इन ट्रेनिंग प्रोग्राम के बेहद ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इससे न सिर्फ कार्य कुशलता और कार्य क्षमता बढ़ती है, बल्कि तनाव, बेचैनी, अनिद्रा और अशांति से छुटकारा पाकर लोग चौबीसों घंटे ऊर्जावान और आनंदित महसूस करते हैं। आचार्य ईशान शिवानंद जी योग, ध्यान और हीलिंग के जरिए मानव कल्याण के लिए दुनिया भर में काम रहे शिवयोग फाउंडेशन के संस्थापक और हिमालयन योगी डॉ.अवधूत शिवानंदजी के शिष्य हैं।