UP By-Election: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को जिताने की जिम्मेदारी कोर कमिटी की टीम 5 ने संभाल ली है. यह निर्णय मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक बैठक में लिया गया. इस उपचुनाव में संगठन और सरकार दोनों मिलकर जीत की इबारत लिखेंगे. कोर कमिटी की टीम 5 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) , डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Maurya, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, और महामंत्री संगठन शामिल हैं. इस टीम को हर सदस्य को दो-दो सीटों का टास्क दिया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. संगठन और सरकार मिलकर चुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं और क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा की यह रणनीति दिखाती है कि पार्टी ने उपचुनाव को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ी है और वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि इन 10 सीटों पर भाजपा का परचम लहराए.
इन 10 सीटों पर होगा उपचुनाव
लोकसभा चुनाव के बाद रिक्त हुई उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों में फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, और सीसामऊ शामिल हैं.
सपा के चार विधायकों के सांसद बनने और एक विधायक को सजा होने के चलते पांच सीटें खाली हुई हैं. वहीं, बीजेपी कोटे के तीन विधायकों के सांसद बनने से तीन सीटें रिक्त हुई हैं. इसके अलावा, एक सीट आरएलडी के विधायक के सांसद बनने और एक सीट निषाद पार्टी के विधायक के बीजेपी से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है. इस प्रकार, पांच सीटें सपा के कोटे की हैं, जबकि पांच सीटें बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के खाते में आती हैं.
कौन किस पर भारी?
इस उपचुनाव को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह दोनों प्रमुख दलों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है. सपा और एनडीए दोनों ही इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. आगामी उपचुनाव के परिणाम यह तय करेंगे कि राज्य की राजनीति में किस दल का वर्चस्व रहेगा.