Diwali : दीवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है. एक प्राचीन भारतीय त्योहार है जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है. यह कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा है और इसके पीछे कई कहानियाँ हैं.
इतिहास
रामायण की कथा- सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की है. जब भगवान राम ने रावण को हराकर 14 वर्ष का वनवास पूरा किया और अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनकी स्वागत के लिए दीप जलाए थे. इस दिन को ही दीवाली के रूप में मनाया जाता है.
भगवान कृष्ण और नरकासुर- एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है.
धनतेरस और धन की देवी- दीवाली से पहले धनतेरस मनाया जाता है, जब भगवान धन्वंतरि अमृत के साथ प्रकट हुए थे. यह दिन धन और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी माता की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है.
सिख धर्म- सिख धर्म में दीवाली का महत्व गुरु हरगोबिंद जी की जेल से रिहाई के साथ जुड़ा है. इस अवसर पर भी प्रकाश पर्व मनाया जाता है.
महत्व
आध्यात्मिक महत्व– दीवाली का त्योहार आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है. यह बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत का संदेश देता है.
समृद्धि और धन का त्योहार– देवी लक्ष्मी की पूजा करके लोग समृद्धि और धन की कामना करते हैं. लोग अपने घरों को साफ करके सजाते हैं और नए बर्तन या वस्तुएँ खरीदते हैं.
सामाजिक एकता- दीवाली का त्योहार परिवार और मित्रों के साथ मिलकर मनाया जाता है. यह प्रेम, भाईचारे और एकता का सकेंत है.
सकारात्मकता का संचार- दीवाली की रात, लोग दीप जलाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं, जिससे चारों ओर रोशनी और खुशियाँ फैलती हैं. यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है.
निष्कर्ष
दीवाली एक ऐसा त्योहार है जो न केवल धार्मिक मान्यताओं का प्रतीक है, बल्कि यह मानवता की मूल भावनाओं—प्रेम, एकता, और समृद्धि का भी प्रतीक है. यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और सकारात्मकता की ओर प्रेरित करता है.