Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में राजकीय महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की खबर वाकई दिल दहला देने वाली है. ये बच्चे जिनकी उम्र कुछ ही दिन की थी, उन्हें अपनी जिंदगी की शुरुआत से पहले ही अलविदा कहनी पड़ी. इस घटना ने न केवल उन बच्चों के परिवारों को गहरे सदमे में डाला, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी भी है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा और सावधानी की कितनी अधिक आवश्यकता है.
मामला उस वक्त का है जब शुक्रवार रात अस्पताल के NICU में आग लग गई, जिसमें कई नवजात बच्चों की मौत हो गई. जबकि 47 बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित किया गया, इनमें से 16 बच्चे गंभीर हालत में हैं और उनकी जिंदगी और मौत के बीच जंग जारी है. यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था में कई सवाल खड़े करती है, खासकर अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंधन और आपातकालीन व्यवस्था की स्थिति पर.
इस त्रासदी के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन यह भी सच है कि इस तरह की घटनाओं ने अस्पतालों में बुनियादी ढांचे और सुरक्षा उपायों के सुधार की आवश्यकता को और स्पष्ट कर दिया है. जिन नवजात बच्चों को सुरक्षित किया गया, उनके उपचार और देखभाल की जिम्मेदारी अब अस्पताल पर और बढ़ गई है. झांसी के इस हादसे ने पूरे देश में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और यह याद दिलाया है कि इन संवेदनशील स्थानों पर जीवन बचाने के लिए केवल चिकित्सा विशेषज्ञता नहीं, बल्कि सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है.
उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज श्मशान घाट बन गया.10 नवजात बच्चे मशीन पर रखे–रखे जिंदा जल गए। ये दर्दनाक तस्वीरें देखिए. लोग किस तरह जले हुए मासूम बच्चों को उठाकर भाग रहे हैं.
⚠️ Disturbing Visual ⚠️
झांसी, UP का मेडिकल कॉलेज श्मशान घाट बन गया। 10 नवजात बच्चे मशीन पर रखे–रखे जिंदा जल गए। ये दर्दनाक तस्वीरें देखिए। लोग किस तरह जले हुए मासूम बच्चों को उठाकर भाग रहे हैं। https://t.co/yeT0j8jO4U pic.twitter.com/vM2KUztfI5
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 16, 2024