Mukhtar Ansari Died: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. दिल का दौरा पड़ने के उसका निधन हो गया है. 28 मार्च गुरुवार की शाम को उल्टी और बेहोशी की शिकायक के बाद करीब 8 बजकर 25 मिनट में बांदा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. 9 डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम भी हो गया है. मुख्तार की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है.
इस बीच मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए. अपने पत्र में अंसारी ने लिखा है कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. इस पत्र में उमर अंसारी ने लिखा कि विश्वासहीनता के चलते मेरे पिता स्वः मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम, एम्स दिल्ली के डाक्टर्स के पैनल द्वारा कराये जाने के सम्बन्ध में प्रार्थी उमर अंसारी पुन स्व० मुप्तार अंसारी निवासी – दर्जी महल, युसुफपुर थाना मोहम्मदाबाद, जिला- गाजीपुर निम्नलिखित निवीन करता है –
1) यहकि दिनांक 21-03-2024 को जरिए अधिवक्ता ए०डी० जे० एम०पी० एम०एल०ए० कोर्ट, बाराबंकी व एम०पी० एम०एल० कोर्ट बाँदा में प्रार्थना-पल के माध्यम से न्यायालय को अवगत कराया कि मेरे पिता को खाने में ‘स्नो प्वाइजन’ दिया गया तथा इस घटना के 40 दिन पहले भी मुझे ऐसा जहर दिया गया चुकी है. इस जेटर की वजह से मेरी हालत बिगड़
2) यहकि दिनांक 26-03-2024 को जब मेरे पिता की हालत गम्भीर हो गयी तब जेल प्रशासन ने मेडिकल कालेज, बाँदा में आनन-फानन में सर्ती कराण त्या लगभग सुबह 4 बजे डाक्टरों ने उनकी हालत को अतिगम्भीर देखते हुए उन्हें ICU में भर्ती किया। इसी बीच जेल प्रशासन के रेडियोग्राम के माध्यम से मेरे नाम से सूचना गुस तक भेजी.
3) यहकि दिनांक 26-03-2024 को जब मैं जिला अस्पताल, बाँदा पहुंचा तो प्रशासन ठारा मुझे मेरे पिता को देखने भी नहीं दिया गया. हमें इसमें भी साजिश नजर आती है.
4) यहकि मेरे पिता का इलाज स्वतन्त्र रूप से डाक्टरों से नहीं कराया गया और दवाब बनाकर मेरे पिता को कुछ घंटे में ही उसी जिला कारागार, बाँडा, की तन्हाई वैरिक में भेज दिया गया.