UP News: उत्तर प्रदेश में 15 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर, राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं और जगह-जगह पोस्टर वार देखने को मिल रहा है. हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा “बटेंगे तो कटेंगे” खूब चर्चा में रहा. अब इस नारे ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी एंट्री कर ली है, जिससे सपा और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी और तीखा पलटवार शुरू हो गया है.
भाजपा के नारे “बटेंगे तो कटेंगे” के जवाब में सपा ने एक नया पोस्टर जारी करते हुए नारा दिया, “जुड़ेंगे तो जीतेंगे.” इस नारेबाजी के बीच दोनों दलों के बीच गहमागहमी बढ़ गई है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश में भी भाजपा इस नारे के जरिए जीत की रणनीति बना पाती है या नहीं.
नकारात्मक, निराशा व नाकामी का प्रतीक: अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश ने अपने सोशल मीडिया (X) पर लिखा कि, ‘उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है. इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं. ‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताक़तवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमज़ोरी की ही बातें कर रहे हैं. जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है; ‘भय’ नहीं. ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा.
उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है।
इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।
‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 2, 2024
आगे लिखा कि, ‘देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आख़िरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा. देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नज़र और नज़रिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा. एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बाँहों को भी, इसी में उनकी भलाई है. सकारात्मक समाज कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
“जुड़ेंगे तो जीतेंगे” के जवाब में भाजपा का हमला
समाजवादी पार्टी के नारे “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” के जवाब में भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा ने कहा, “जो लोग हमेशा समाज को बांटने की कोशिश करते थे, वे आज जोड़ने की बात कर रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा क्या दिया, अब सभी जोड़ने की बातें करने लगे हैं. भाजपा ने आगे कहा कि अगर सच में एकजुटता लानी है तो ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर काम करना होगा और सभी को साथ लेकर चलना होगा. केवल दिखावे के लिए पोस्टर लगाकर यह बदलाव संभव नहीं है.