AI (Artificial Intelligence): साल 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के खतरों और संभावनाओं को संतुलित तरीके से समझना होगा। AI तेजी से विकसित हो रहा है, और इसके फायदे जितने प्रभावशाली हैं, संभावित खतरे भी उतने ही महत्वपूर्ण हो सकते हैं. आइए, 2025 में AI के संभावित खतरों को समझें:
डेटा प्राइवेसी का उल्लंघन-
AI को प्रशिक्षित करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है. 2025 तक, अधिक परिष्कृत AI मॉडल बन सकते हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग भी संभव है. बात करें इसकी खतरे की तो व्यक्तिगत डेटा का अनैतिक उपयोग. फेक न्यूज और डीपफेक वीडियो के बढ़ते मामले. कड़े डेटा प्रोटेक्शन कानून और AI एथिक्स पर आधारित नियम.
साइबर सुरक्षा में खतरा-
AI का उपयोग साइबर हमलों को अधिक जटिल और खतरनाक बना सकता है. इसमें खतरे की बात करें तो AI आधारित साइबर अटैक, संवेदनशील डेटा और वित्तीय जानकारी पर हमले. इसका बचाव AI आधारित सुरक्षा प्रणाली का विकास, साइबर सुरक्षा पर सरकारी और निजी निवेश.
बेरोजगारी और असमानता-
AI का उपयोग ऑटोमेशन के लिए हो रहा है, जिससे कई नौकरियां खत्म हो सकती हैं. इसमें खतरे की बात करें तो खासतौर पर निम्न-कौशल वाली नौकरियों का खत्म होना. सामाजिक और आर्थिक असमानता में वृद्धि. वहीं इसमें बचाव नए कौशल विकास कार्यक्रम. AI और मानव सहयोग पर आधारित रोजगार मॉडल.
क्या AI पूरी तरह खतरनाक है?
AI खतरनाक तभी हो सकता है जब इसे बिना नैतिकता, पारदर्शिता और नियंत्रण के उपयोग किया जाए. अगर सही तरीके से नियमन और विकास किया जाए, तो 2025 में AI-चिकित्सा में नई क्रांति ला सकता है. पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है. शिक्षा और व्यापार में बड़े सुधार कर सकता है.
(इस खबर की पुष्टि द मीडिया वायरियर नहीं करता है यह जानकारी गूगल और चैट GPT से ली गई है)