Israel: अपहृत इजरायली नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए हनुक्का मोमबत्तियाँ जलाई गईं. इस बीच भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि, “हम बहुत मजबूत हैं. हम जीतेंगे हमें जो करना होगा वह करेंगे, न केवल इजराइल के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी, हमने इस औपचारिक कार्यक्रम को समर्पित करने का फैसला किया है.” जिन लोगों को हम अभी भी बचा सकते हैं.
जैसा कि हमने उन 110 अपहृतों से सीखा है जिन्हें पहले ही रिहा कर दिया गया है, इन लोगों के लिए अमानवीय स्थितियाँ, यातनाएँ, पोषण, भयानक, कोई दवा नहीं, कोई चिकित्सा उपचार नहीं, कोई अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस का दौरा नहीं, कुछ भी नहीं. .हम यहां से इन प्रभावितों के बंधकों की तत्काल रिहाई के लिए आह्वान कर रहे हैं.”
भारत में इज़राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि, “हनुक्का प्राचीन यूनानियों पर यहूदियों की जीत का जश्न मनाने के लिए बहादुरी का अवकाश है. यह बुरे पर अच्छाई की, अस्पष्टता पर प्रकाश की जीत का संकेत है और हमारे लिए यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा हमारे साथ 7 अक्टूबर को हुआ था. हमारा मानना है कि 137 अपहृत लोगों की तस्वीरें भी बाहर हैं, उन्हें अभी भी बचाया जा सकता है, उम्मीद है कि उनमें से सभी या उनमें से अधिकांश को बचाया जा सकता है। वहां लोग हैं, बूढ़े लोग हैं , बच्चे, महिलाएं, पुरुष, विदेशी, न केवल इजरायली और हमने इस कार्यक्रम को उनकी रिहाई के आह्वान के लिए समर्पित किया है.”
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि, ”मुझे लगता है कि भारत ने 7 अक्टूबर को पहले दिन से ही इजराइल का बहुत मजबूती से समर्थन किया, जब सब कुछ स्पष्ट नहीं था. हमले के कुछ घंटों बाद जब प्रधानमंत्री मोदी एक ट्वीट के साथ सामने आए, समर्थन का एक बहुत मजबूत ट्वीट, इज़राइल का आतंकवाद विरोधी समर्थन.
यह अन्य ट्वीट्स के साथ, जमीनी स्तर पर अन्य कार्यों के साथ, ब्रिक्स पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समर्थन के साथ, विभिन्न स्थानों पर जारी रहा जहां भारत ने आम सहमति में शामिल होने से इनकार कर दिया जो अनुचित था और नहीं था पूरी कहानी बता रहे हैं. हम न केवल सरकार की बल्कि भारत के लोगों की मित्रता की भी बहुत सराहना करते हैं.